ज़िंदगी में इतनी शिद्दत से निभाना अपना किरदार , के परदा गिरने के बाद भी तालियाँ बजती रहें ।
आपके जाने के बाद भी महफ़िलें तो सजेंगी , ऐसी ज़िंदगी जी कर जाओ , कि आप के जाने के बाद भी , आप का नाम ऐहतराम से ले कर ये महफ़िलें सजतीं रहें ।
सच लिखूँ तो हमारा अन्दाज़ कुछ ऐसा है कि जब हम बोलते हैं तो बरस जाते हैं , जब हम चुप होते हैं तो लोग तरस जाते हैं !
आप बताओ , क्या ग़लत है हमारा अन्दाज़ , यक़ीनन आप कहोगे नहीं , क्यूँकि हम हमेशा सच बोलते हैं , इंसान हैं हम सच्चे , इरादे के पक्के !
माँ बाप को हमेशा बहुत प्यार देना , उनकी भरपूर इज़्ज़त करना , तमाम उम्र देना उन्हें मान और सम्मान ।
ये कभी मत भूलना कि तुमने जब धरती पर पहला श्वास लिया था , तब तुम्हारे माता पिता साथ दे , जब माता पिता अंतिम साँस लें , तब तुम उनके पास रहना , बस इतना ही मुझे है कहना ।
इश्क़ ओ मोहब्बत करना तो करना शिद्दत से , कभी जफ़ा ना करना , याद रखना कि प्यार में की हुई बेवफ़ाई , आज तक नहीं है किसी को रास आई ।
प्यार एक पवित्र और पाक अहसास है , इसे ऐसा ही रहने देना , बस इतना ही मुझे है कहना ।
याद रखना , प्यार कोई बारिश नहीं है जो बरसे और थम जाए , प्यार सूरज भी नहीं है , जो चमके और डूब जाए ।
प्यार एक दिव्य और पूजनीय अहसास है , प्यार तो नाम है साँस का , जो चले तो ज़िंदगी और रुके तो मौत बन जाए !
समाज के प्रति भी अपनी जिम्मेदारियाँ निभाना , सब की मदद करना , सब के हमदर्द बन कर उनके काम आना ।
एक आदर्श जीवन जीने के लिए , ज़रूरी नहीं है कि हो सिक्कों की झंकार , सिर्फ़ मीठी मधुर वाणी बोलो , तो भी फैलेगा प्यार !
यारो मैं जीना चाहता हूँ एक ऐसी सीधी सादी ज़िंदगी , जिस में हो मासूमियत और हो सादगी ।
मैं ये चाहता हूँ कि मेरे मरने के बाद भी मुझे कोई याद करे , तो करे अदब से , मरने के बाद भी मिले मुझे आदर और इज़्ज़त , यही है मेरी चाहत , मेरी दिली हसरत !
लेखक———निरेन कुमार सचदेवा।
Friends , this is my life’s philosophy, am I walking on the right path , please do guide me .
Posted inArticles