ऐसा भारत देश बनाएं-“एच.एस.चाहिल”

आओ हम सब मिलकर,
ऐसा भारत देश बनाएं।

सारी दुनियां से न्यारा हम,
अपना भारतवर्ष सजाएं।

   आओ हम सब मिलकर.......

सबको गौरव इस पर होता,
ये सबको सम्मानित करता।
मात-पिता सबका बन रहता,
निज गुण से बलिदानी रचता।
माटी में सौंधी सी खुशबू,
हर मन कहता ऐसा महकूं।
रहते राजा-रंक भी इसमें,
भारत में सजतींं सब किस्में।
नदियां पर्वत इसके पावन,
युग-युग से सबका मन-भावन।
सबके मन को जो हर्षाए,
ऐसा भारत देश बनाएं।

आओ हम सब मिलकर…….

ऋषियों,मुनियों की यह धरती,
जो हर मन को प्यारी लगती।
गुरु गोविन्द यहीं पर आए,
शहीद-भगत जैसे भी पाए।
माॅं कौशल्या राम प्रभु जन्मे,
कृष्ण यशोदा सुत बिन जन्मे।
निर्गुण में भी गुण रच देती,
मिट्टी को सोना कर देती।
ऐसा भारतवर्ष हमारा,
जिसने हर अभिमान नकारा।
इसकी महिमा और बढ़ाएं,
ऐसा भारत देश बनाएं।

आओ हम सब मिलकर………

स्वरचित/मौलिक रचना।
एच.एस.चाहिल। बिलासपुर। (छ. ग.)

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *