तुमसे मिलकर मेरी तलाश पूरी हुई,
सनम! मेरे दिल की प्यास पूरी हुई।
भटकता रहता था सुकून पाने को,
तुम्हें पाकर मेरी ये आस पूरी हुई।
तुमसे आ गया ठहराव जीवन में मेरे,
तेरा प्यार मिलने से अरदास पूरी हुई।
मेरी झोली खुशियों से भर दी तुमने,
अब मेरी किस्मत की तराश पूरी हुई।
खुशनसीब है “विकास” कि तुम मिली,
लगता है अब यात्रा ए कैलाश पूरी हुई।
©® डॉ विकास