तुम मेरे यंत्रि-“डॉ. कवि कुमार निर्मल”

तुम मेरे यंत्रि, यह मन तुझसे चलता।
पूर्ण समर्पण भाव संग, बस चलता।
कर्म मेरा, कार्ता तुम हीं हो मेरे हरि।
निष्काम कर्म की, साधना करता।।
🙏निर्मल🙏
डॉ. कवि कुमार निर्मल
बेतिया नगर निगम
पश्चिम चंपारण जिला मुख्यालय
बिहार

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