“धन की परिभाषा-“अजय कुमार जैन”

🙏🏼जब कोई बेटा या बेटी ये कहे कि मेरे माँ बाप ही मेरे भगवान् है….
ये “धन” है
🙏🏼जब कोई माँ बाप अपने बच्चों के लिए ये कहे कि ये हमारे कलेजे की कोर हैं….
ये “धन” है
🙏🏼शादी के 20 साल बाद भी अगर पति पत्नी एक दूसरे से कहें.. I Love you…
ये “धन” है
🙏🏼कोई सास अपनी बहु के लिए कहे कि ये मेरी बहु नहीं बेटी है और कोई बहु अपनी सास के लिए कहे कि ये मेरी सास नहीं मेरी माँ है……
ये “धन” है
🙏🏼जिस घर में बड़ो को मान और छोटो को प्यार भरी नज़रो से देखा जाता है……
ये “धन” है
🙏🏼जब कोई अतिथि कुछ दिन आपके घर रहने के पशचात् जाते समय दिल से कहे की आपका घर …घर नहीं मंदिर है….
ये “धन” है

आप सभी को ऐसे ”परम धन” की प्राप्ति हो।

🙏धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं

🙏 अजय कुमार जैन मरुधर टेक्सटाइल श्री बाजार विजयनगर

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