
तस्वीर बनाकर तेरी आसमाँ पर टाँग आया हूँ मेरी जान , और लोग सोच रहें हैं आज चाँद इतना बेदाग़ कैसे?
सफ़ीने पर सैर करने निकला था , वहाँ तेरी तस्वीर देखने लगा , हैरान हो रहें हैं लोग कि लग गयी है लहरों में आग कैसे?
एक अंधेरी गली में घूमने निकला , तेरी तस्वीर तो हमेशा की तरह मेरे हाथ में थी , असमंजस में हूँ कि इस अंधेरी गली में जल गए हैं इतने चिराग़ कैसे?
रात को छाती पर तस्वीर रख कर था सोया, ख़्वाबों में तू आती रही , लानत है मुझ पर , कैसे मेरी आँख खुल गयी , गया मैं जाग कैसे?
क्यूँ इतनी बधाईयाँ दे रहा है मुझे मेरा दिमाग़ आज , आज इतना मेहेरबाँ हो गया है मुझ पर मेरा दिमाग़ कैसे?
शायद दिल ओ दिमाग़ पर छाया हुआ है तेरी तस्वीर का जादू , क्यूँ आज दिल पर नहीं है क़ाबू , क्यूँ हो रहा है इतना बेक़ाबू?
ज़मीर भी आज बहुत खुश नज़र आ रहा है , क्या इस पर भी छा गया है तेरी तस्वीर का जादू?
ख़ैर अभी तक तो आती जाती साँसें हैं बरकरार , पता नहीं क्या होगा जब तुझ से होंगी आँखें चार?
तेरी तस्वीर ने मचा दी है मेरी ज़िंदगी में एक अजीबोग़रीब क़िस्म की तबाही।
चाँद तारे भी देंगे इस बात की गवाही!
जब तू होगी मेरे रूबरू , ख़ुशियों की कुछ ऐसी तो नहीं होगी इंतेहा , हम बर्दाश्त ना कर पायें और साँसें भी कर जायें हम से बेवफ़ा
लेखक——निरेन कुमार सचदेवा।
True 💕 love can make you insane too !!! Beware friends !!!!!!