
रांची ( झारखण्ड ) । मग जागृति फाउंडेशन ट्रस्ट रांची के कक्ष में आयोजित मगबन्धु (अखिल ) मग- मगध विशेषांक विमोचन समारोह में साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि प्रेरणादायक संस्कृति पत्रकारिता का द्योतक मगबन्धु है । सांस्कृतिक उद्योग की जटिल संरचनाओं और और संस्कृति बनाने में मदद करने वाली विभिन्न प्रक्रियाओं का मगबन्धु (अखिल ) विकासित करेने का स्तंभ बन गया है।। मगबन्धु पत्रिका में सौर संस्कृति से जुड़े लोगों का प्रेरणादायक माहौल बनाया है । विश्व के बर्लिन कला विश्वविद्यालय , बर्लिन और जर्मनी में पत्रकारिता के 130 संस्थान उपलब्ध हैं। बर्लिनर ज़ितुंग, टेगेसज़ितुंग – ताज़, फ्रैंकफर्टर ऑलगेमाइन संडे पेपर , भारत में सांस्कृतिक पत्रकारिता में व्यावसायिक कौशल, कलात्मक और सांस्कृतिक उत्पादन के पीछे की प्रक्रियाओं का ज्ञान, और रचनात्मक रुझानों और नवाचारों के प्रति संवेदनशीलता के लिए सांस्कृतिक पत्रकारों को उत्कृष्ट संचारक बनाकर भाषा के माध्यम से दूसरों को प्रेरित करने में सक्षम हैं। मगबन्धु के संपादक डॉ. सुधांशु शेखर मिश्र में मगबन्धु (अखिल )जुलाई दिसंबर 2023 (संयुक्तांक ) में मग -मगध -विशेषांक में मगध का वैदुष्य , मैग मनीषियों एवं सौरसंस्कृति तथा सूर्य उपासना स्थलों तथा सूर्य मंदिरों की प्रमुखता के साथ उल्लेख किया गया है। मग सांस्कृतिक विरासत की रूप रेखांकित करने प्रयास किया गया है। इस अवसर पर शशिकान्त मिश्र ने अपने अपने विचार व्यक्त किए ।