फिर से अच्छे दिन आएँगे सब्र करो l
बिगड़े काम संवर जाएंगे सब्र करो ll
सब में सुन्दर नई चेतना आएगी l
क्यारी क्यारी में हरियाली छाएगी ll
सब दुःख दुर्दिन मिट जाएंगे सब्र करो l
फिर से अच्छे दिन आएँगे सब्र करो ll
फिर मधुवन में रास रचाया जाएगा l
फिर से सतयुग त्रेता द्वापर आएगा ll
केशव फिर माखन खाएंगे सब्र करो l
फिर से अच्छे दिन आएँगे सब्र करो ll
फिर से भारत विश्व गुरू बन जाएगा l
मेरा भगवा अम्बर तक लहराएगा ll
सुजलां सुफलां फिर गाएंगे सब्र करो l
फिर से अच्छे दिन आएँगे सब्र करो ll
वेद ऋचाएं गीता गुरुवाणी गाएं l
कथा पुराणों की आयोजित करवाएं ll
अष्ट सिद्धियां पा जाएंगे सब्र करो l
फिर से अच्छे दिन आएँगे सब्र करो ll
ग्राम कवि सन्तोष पांडेय “सरित” गुरु जी