
देश के जब हम भविष्य हैं
तब क्यों किया जाता हमारा भविष्य नष्ट?
यद्यपि खुले हैं हमारे लिए स्कूल
फिर भी दी नहीं जाती हमें शिक्षा पूर्ण
शिक्षा के नाम पर
बस हमें दिया जाता
आहार किताब पोशाक ।
गरीबी के कारण
हमारे माता पिता
हमें दे नहीं पाते महंगी शिक्षा
हम एक काल के बाद
मजबूर हो
छोड़ देते विद्यालय
और मलने लगते होटलों बर्तन।
हमारे जिंदगी के
सब सपने
पापड़ सा टूट जाते
और जोंक सा बड़े बड़े लोग
हमें पकड़
पीने लगते हमारा टटका रक्त
ये पीकर सब रूधिर
कर देते हमें कंकाल सदृश।
दुःख होता है कि
एक तरफ हमें किया जाता बर्बाद
तो दूसरी तरफ मनाया जाता हमारा दिवस।
धर्मदेव सिंह
प. बंगाल