भला करना चाहोगे तो बुराई मिलेगी,
सुलह करना चाहोगे तो लड़ाई मिलेगी।
बस ठाने रहना पथ से हटोगे नहीं तुम,
तब आखिर में जाकर ये भलाई मिलेगी।
आज नहीं तो कल समझेंगे ज़माने वाले,
दिल के घावों को तब ही दवाई मिलेगी।
विचलित मत होना तुम ये ताने सुनकर,
अंत में ही तुम्हें लोगों की बड़ाई मिलेगी।
खुद को गिरने मत देना अपनी नजरों से,
फिर देखना तुम हर चीज सवाई मिलेगी।
“विकास” टुटकर भी बद्दुआ नहीं देता है,
दामन में उसके फिर भी बेवफाई मिलेगी।
©® डॉ विकास