मुझे जोकर बनना है-“निरेन कुमार सचदेवा”

मुझे ना हुक्म का इक्का बनना है , ना रानी का बादशाह , हम जोकर ही अच्छे हैं , जिसके नसीब में आएँगे , पलट देंगे उसकी बाज़ी ।
और यक़ीन मानो ये बाज़ी पलटना कोई आसान काम नहीं है , पर मज़ा बहुत आता है ऐसी शरारतें कर के , इसीलिए हम जोकर बनने को भी हैं राज़ी ।
और जोकर में एक चंचलता है , शालीनता है जो मन को छू जाती है , और जोकर किसी से भी डरता नहीं , उस में ऐसी निर्भयता है ।
ग़ुलाम, बेगम और बादशाह , यक़ीनन है इनकी अपनी अहमियत , लेकिन कुछ भी कह लो , जोकर का भी अपना एक अलग महत्व है , एक अलग अस्तित्व है !
ये ग़ुलाम , बेगम और बादशाह की भी धूल चटा सकता है , हारी बाज़ी जिता सकता है ,उनको उनकी असली औक़ात दिखा सकता है ।
और सिर्फ़ ताश के खेल में ही नहीं , मैं तो असली ज़िंदगी में भी एक जोकर ही हूँ , आप सब मालिक हैं मेरे , मैं आपका नौकर ही हूँ ।
जोकर हूँ इसलिए मैंने हँसी , ख़ुशी और मस्ती फैलाने की क़सम खाई है , और अल्ला मेहरबान है मुझ पर , इसलिए मैंने ये क़ाबलियत भी पाई है ।
सुबह उठ कर मैं सबसे पहला काम ये करता हूँ , कि सब को गुड मॉर्निंग के मेसिज भेजता हूँ , ताकि सब दोस्तो यारो का दिन हो मंगलमय , बोलो श्री राम भगवान की जय !
मुझे कितनी ख़ुशी मिलती है किसी के भी होंठों पर हँसी देख कर , मैं बयान नहीं कर सकता , इसीलिए तो मैं एक अच्छा जोकर होने का हूँ दम भरता !
और अब ये हँसी ख़ुशी फैलाना मेरा शौक़ बन गया है , आप ये भी कह सकते है , ये बन गयी है मेरी आदत , मेरी फ़ितरत ।
और चंद बाशिंदे जवाब भी दे देते हैं , है अच्छी मेरी क़िस्मत ।
ये जोकर यूँ ही सब को हँसाता रहेगा , लुभाता रहेगा , जब तक आस है , विश्वास है , आख़िरी साँस है ।
ये जोकर तमाम उम्र करता रहेगा आपकी ख़िदमत , आपकी मुस्कुराहाटें हीं तो हैं मेरी हिम्मत , मेरी ताक़त , मेरी असली दौलत , मेरी मलकियत !
लेखक——-निरेन कुमार सचदेवा
I love 💗 to be a joker !!!

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