
दिपावली जब आती है तो
अपने परिवार की याद सताती है
सूरत जेसे सुंदर शहर में रोजी रोटी पाई है
रोजी रोटी के लिए पूरा देश मे पहचाना है
कड़ी मेहनत से राशि बड़ी कमाई है
बीवी बच्चों के साथ दिपावली मनानी है
बेग लेकर स्टेशन पर पहुच जाते हैं
किन्तु लंबा लैन भीड़ बहुत पाई है
मुश्किल से टिकट कारवाई है
जब ट्रेन स्टेशन पर पहुच जाती है
एक डिब्बे की व्यवस्था 70 लोग समाए है
यहा तो 250 से अधिक ज़न लोग समाए है
किसी किसी को घबराहट हो जाती है
पुलिस दौड़कर ट्रेन पास पहुच जाती है
भीड़ को तितर बितर कर ने जुट जाती है
108 को फोन करके एम्बुलेंस बुलाती है
त्योहार मे विशेष ट्रेन नहीं चलाई जा रही है
इस लिए समस्या आकर ट्रेन में आ खड़ी हैं
दिपावली जब आती है तो परिवार की याद सताती है
डॉ गुलाब चंद पटेल
साहित्यकार सामाजिक कार्यकर
गांधी नगर गुजरात