संसार एक मायाजाल-“पूर्णिमा राय”

संसार के मायाजाल मे फसकर अच्छे से अच्छा इंसान बुरा बन जाता है फिर हर रिश्ता बेमानी हो जाता है,जब संसार के चक्र मे इंसान धसता जाता है,

ज़ब दुनिया के मायाजाल मे हर अपना गुम हो जाता है तब स्नेह प्यार के रिश्ते भी मतलबी के बन जाते है।

सब पैसे की मोह माया के कारण धोखा फरेब घोसखोरी भ्रष्टाचार संसार मे बढ़ता जा रहा है,

मंत्री नेता कोई देश हित के बारे मे नहीं सोचता सब अपनी जेब भरते जा रहे है
देश को महंगाई बेरोजगारी की तरफ धकेलते जा रहे है,

जब तक पैसे का लालच छोड़कर काम नहीं करेंगे तब तक ना ये संसार बदलेगा ना ये देश इसलिए संसार की मोहमाया से खुद को बचाकर रखना जरुरी हो गया है


स्वरचित लेखिका पूर्णिमा राय रामनगर उत्तराखंड

1 Comment

  1. Ritu jha

    Waah waah bhaut bhaut khoob 👌👌👌👌👌✍️✍️

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