हमें एक अच्छा इंसान बनना चाहिए-“निरेन कुमार सचदेवा”

बस थोड़े समय की बात है , माचिस बनाने वाले और गैस सिलेंडर बेचने वाले बेरोज़गार हो जाएँगे , पता नहीं फिर वो क्या काम करेंगे ?
मुझे मालूम है आप पूछेंगे कि मैंने ऐसा क्यूँ लिखा , क्यूँकि आजकल इंसान ही एक दूसरे से इतना जलने लगे हैं , तो माचिस , गैस कि क्या रही ज़रूरत , यही है आज के “modern” ज़माने की हक़ीक़त ।
मन दुखता है , शर्म आती है , ये सोच कर कि मानवता , सहनशीलता , ख़ुद्दारी , ईमानदारी , ये अहसास एक के बाद एक दफ़न होते जा रहें हैं , और हम इन लाजवाब अहसासों को खोते जा रहें हैं ।
आख़िर ऐसा क्यूँ है कि किसी और की तरक़्क़ी देख कर हमें ख़ुशी नहीं होती , हमारे होंठों पर हँसी नहीं आती ?
क्या बताऊँ, सिर चढ़ कर आजकल बोलती हैं ज़रूरतें , और किसी कारणवश पैदा हो जातीं हैं नफ़रतें , क्या ये उचित है या अनुचित ?
हम मंदिर जाते हैं , मूर्तियों को दूध से धोते हैं , और उसी मंदिर के बाहर नन्हें बच्चे भूखे प्यासे सोते हैं !
इंसान मंगल ग्रह पर जा रहा है , ये देखने कि वहाँ पानी है के नहीं , लेकिन क्या जीवन में मंगल है ,ये कोई नहीं देखता , जीवन बन गया है एक दंगल , ये कोई नहीं देखता ।
अगर कोई हंस कर , अदब से बात करता है तो हम उसे शक की नज़र से देखने लगते हैं , आजकल ऐसे हैं हालात , ज़िंदगी मानो तो बन गयी है एक वारदात ।
क्या ये सब बदला नहीं जा सकता , क्या फिर से ज़िंदा नहीं हो सकते प्यार मोहब्बत के जज़्बात , चलो अभी से हम करते हैं शुरुआत ।
वादा करो यारो, इस पल से सब से मुस्कुरा कर बात करोगे , किसी जरूरतमंद की मदद करोगे , कोई अमीर है या ग़रीब , दोनो में फ़र्क़ ना करोगे , मन की सुनोगे , किसी से ना डरोगे ।
हर इंसान का मन एक मंदिर है , पाक है , पवित्र है , ये हमेशा देगा ठीक सलाह ।
मन का कहा मानना ,किसी और की ग़लत बात ना सुनना ,ना करना परवाह ।
अपने ज़मीर को देना अहमियत, देखना फिर क्या होगी आपकी हैसियत , चेहरे पर फिर छलकेगी मासूमियत ।
किसी की तरक़्क़ी देख हर्षित होना , उसे शाबाशी देना , कोशिश करना उसके नक़्शे क़दम पर चलने की , उस की तरह बनने की।
ज़िन्दादिली बरक़रार रखना , ख़ुशहाली बरक़रार रखना , होंठों पर हँसी रखना, ज़िंदगी में मस्ती रखना ।
अगर आप रईस हो , तो हम देते हैं आपको मुबारकबाद , लाजिम है कि आप में फिर भी जागरूक हो इंसानियत , तभी होगी इंसानों की नज़रों में आपकी क़ीमत ।
दोस्तो ख़ुशी बाँटने से ख़ुशी और बढ़ जाती है , ख़ुशी बाँट कर कभी भी नहीं होता नुक़सान , ख़ुशी बाँटने वालों को हर कोई देता है मान सम्मान !
लेखक——-निरेन कुमार सचदेवा
Be modest always !!

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *