अंतर्राष्ट्रीय श्रेया क्लब पटल पर वैवाहिक शुभकामना गोष्ठी संपन्न

अंतरराष्ट्रीय श्रेया क्लब के संरक्षक, देहदान की घोषणा कर चुके, वरिष्ठ कवि साहित्यकार सुधीर श्रीवास्तव के वैवाहिक वर्षगांठ पर एक भव्य आनलाइन शुभकामना काव्य गोष्ठी का आयोजन दिनांक 15 फरवरी को आयोजित किया गया।
क्लब की संस्थापिका डा. अर्चना श्रेया द्वारा आयोजित इस विशेष काव्य गोष्ठी का संयोजन राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक कवि सतीश शिकारी ने किया। जिसमें क्लब की धार्मिक परिषद प्रकोष्ठ की कार्यकारी अध्यक्ष विनीता लावानियां ने सहयोग किया।
गोष्ठी की अध्यक्षता सेवानिवृत्त एस डी एम संतोष श्रीवास्तव विद्यार्थी ने किया। जबकि संचालन का दायित्व सतीश शिकारी और विनीता लावानियां ने संयुक्त रूप से निभाया।
गोष्ठी का शुभारंभ निधी बोथरा जैन की वाणी वंदना से हुआ। तत्पश्चात अध्यक्ष और वरिष्ठ कवि अविनाश खरे की अनुमति और आशीर्वाद के साथ देश के विभिन्न हिस्सों से जुड़े कवियों कवयित्रियों ने दंपत्ति (सुधीर अंजू) को अपनी शुभकामनाएं आशीर्वाद बधाइयां काव्य के रूप में दिया। इस विशेष काव्य गोष्ठी में शामिल कवि कवयित्रियों में आ.अविनाश खरे (पुणे)निधि बोथरा जैन ( इस्लामपुर), सुनीता श्रीवास्तव (सुल्तानपुर), उषा कंसल (बैंगलोर), किशन लाल कहार, बूंदी (राजस्थान), खुशबू गौतम (लखनऊ) ऋतु दीक्षित (वाराणसी), निखिलेश मालवीय दुर्गई, नरेश प्रयागराज, डॉ. (कु.)शशि जायसवाल, (प्रयागराज), प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव (सीतापुर), झांवतराम बामणिया, महेन्द्र भट्ट (ग्वालियर), डा. कमलेश मलिक (सोनीपत), रज्जन राजा (कानपुर) , रमेश कुमार द्विवेदी ‘चंचल’ (सुलतानपुर), संतोष श्रीवास्तव “विद्यार्थी” (सागर), मनीषा श्रीवास्तव ‘शैलजा (प्रयागराज), बद्री नाथ विश्वकर्मा “सवरियां”(गोरखपुर) , श्रीमती संध्या श्रीवास्तव “सॉंझ” (छतरपुर), लक्ष्मी चन्द कुशवाह, कविता नन्दिनी (आजमगढ़), बृजबाला दौलतानी (आगरा), सतीश शिकारी (रतलाम (, विनीता लावानियां (बेंगलुरु), ओओम प्रकाश श्रीवास्तव (कानपुर), तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु (अंबेडकरनगर) शामिल रहे।
पटल की संस्थापिका डा. अर्चना श्रेया ने सुधीर श्रीवास्तव के व्यक्ति और कृतित्व की चर्चा करते हुए उन्हें “साहित्य का मसीहा” कहते हुए सुधीर अंजू को बधाइयां शुभकामनाएं आशीर्वाद प्रदान किया। गोष्ठी में शामिल कवियों कवयित्रियों ने सुधीर श्रीवास्तव के साथ अपने आत्मिक संबंधों की चर्चा करते हुए अपने मनोभाव व्यक्त करते हुए अपना स्नेह आशीर्वाद दिया। निधी बोथरा तो नटखट परी के रूप में सुधीर को अपना बड़ा भाई बता अधिकार जताते हुए अपने लिए अनवरत आशीष की इच्छा प्रकट की। गोष्ठी में शामिल हर किसी ने उन्हें अपने अनुसार यथा छोटा बड़ा भाई, बेटा, मार्गदर्शक, प्रेरणास्रोत बताते हुए अपने अपने ढंग से शुभकामनाएं, बधाइयों से पारिवारिक माहौल का आभास करा दिया।
सभी से प्राप्त स्नेह आशीर्वाद बधाइयां शुभकामनाओं से भावुक सपत्नीक सुधीर श्रीवास्तव के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी से जो असीम अपनत्व मिला, उससे मेरी आंखें नम हो गई।मैं अपनी खुशी, अपनी भावनाएं व्यक्त कर पाने में अस्मर्थ हूं। आप सभी के स्नेह आशीर्वाद अपनत्व के प्रति नतमस्तक हूं, सभी को बड़ो को यथोचित नमन वंदन, प्रणाम, चरणस्पर्श, छोटों को स्नेह लाड़ प्यार दुलार के परिप्रेक्ष्य में सिर्फ यही कह सकता हूं कि आप सभी ने आज के दिवस विशेष को अपने जीवन का यादगार दिन बना कर जो अविस्मरणीय सौगात सौंपा है, उसे स्वीकार कर भाव विभोर हूं। आभार, धन्यवाद कर आप सभी के प्रति औपचारिकता निभा कर मैं खुद शर्मिंदा नहीं होना चाहता। क्योंकि जो अहसास मुझे हुआ उसमें दूरियां, औपचारिकताएं गौड़ हो गई और सब कुछ परिवारिक माहौल जैसा लगा, जिसके लिए हम सिर झुकाते हैं।
अध्यक्षीय उद्बोधन में संतोष श्रीवास्तव विद्यार्थी जी ने सभी को अपना आशीर्वाद करते हुए सुधीर अंजू को अपना आशीर्वाद प्रदान किया।
अंत में सतीश शिकारी ने आभार वक्तव्य दिया और गोष्ठी का समापन हो गया।

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