हौले हौले पलता है, ज़रा सा ही मिलता है ।
ये एक बूँद इश्क़ है, उम्र भर साथ चलता है ।
लेकिन ये एक बूँद इश्क़ है कुछ ऐसा नायाब, इस में इश्क़ का एक पूरा समुन्दर सिमटा हुआ है जनाब !
हौले हौले चलने में ही है बुद्धिमानी , इस एक बूँद इश्क़ पर निर्भर है आपकी बाक़ी की पूरी ज़िंदगानी ।
ज़रा ज़रा मिला , वो ही काफ़ी है, कम से कम फिर और इश्क़ पाने की ज़िंदा रहती बेताबी है ।
ये इश्क़ है, नहीं है कोई खेल, ये है दो दिलों का पाक और पवित्र मेल ।
तो आज़माना भी है लाजिम , ज़रूरी है परखना, फिर इस इश्क़ का मधुर लज़ीज़ स्वाद आप चखना ।
बेसब्री से नहीं फ़ायदा, नुक़सान हो सकता है ज़्यादा ।
धीरे धीरे चलना इस इश्क़ की राह पर, ताकि आपको तमाम ज़िंदगी गर्व हो अपनी चाह पर।
इश्क़ ज़रा सा भी मिल जाए तो भी काफ़ी है, शर्त ये है कि इस ज़रा से अहसासे इश्क़ में छिपी हो सच्चाई, भलाई और अच्छाई ।
तो फिर ये ज़रा सा इश्क़ आपकी पूरे जीवन में ला पाएगा तब्दीली ।
शुकराना करेंगे फिर उस रब का , क्यूँकि इश्क़ की ये सौग़ात है आपको मिली ।
एक दिल से नसीहत दूँ, आपको मेरे अज़ीज़ो, दिल टूटने से जो दर्द होता है , वो इंसान को पूरी तरह से कर देता है इंसान को हताश और ज़ख़्मी ।
तो ऐतियात भरतना , एक अच्छा सुलझा हुआ हमसफ़र चुनना , ताकि ख़ुशी और सुकून से कट जाए आपकी बाक़ी ज़िंदगी !
लेखक——निरेन कुमार सचदेवा।
When you are in love 🥰, be careful , be slow , never be hasty or rash in making any decision !!
Choose a good life partner !!
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