एक कल जो
बीत जाता है
आने वाले
कल के लिए
वही इतिहास
बन जाता है
तो क्यों न
हम अपने
नेक कर्मों के
पुष्पों से
जीवन रूपी
उपवन को
महकाए
अतीत की
सुंदर स्मृतियों का
इतिहास बनाए
ताकि जिंदगी में
एक मोड़ पर
रुक कर हम
अतीत मे झांके तो
हमारा इतिहास
भी मुस्कुराए——
विजय कुमारी सहगल

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