किसी को दुख ना दें – “निरेन कुमार सचदेवा”

जीवन का सब से बड़ा अपराध , किसी की आँखों में आँसू आप की वजह से होना ।
जीवन की सब से बढ़ी उपलब्धी , किसी की आँखों में आँसू आप के लिए होना ।
यह मत भूलो कि आँसू होते हैं दिल की ज़ुबान , ये करते हैं हाल ऐ दिल बयान ।
ये अलग बात है कि ख़ुशी हो या ग़म हो , ये आँसू लगते हैं बहने , लेकिन हर परिस्थिति में ये एक अलग दास्तान लगते हैं कहने ।
ख़ुशी का मौक़ा हो तो आँसुओं में सुनाई देती है एक आहट , दिखाई देती है सजावट , एक अजीब सी मुस्कुराहट ।
और ग़म का मौक़ा हो तो ये आँसू हो जाते हैं बेक़ाबू , बहने लगते हैं बहुत ज़ोर से , अखियों के हर किनारे से , हर छोर से ।
ऐसा कभी भी ना हो कि आप की वजह से हो जायें किसी की आँखें नम , बाँटना चाहो तो बाँटो ख़ुशियाँ , ना कि ग़म ।
हाँ आप को देख कर किसी के आँसू बहें तो यक़ीनन आप ने जीत लिया है किसी का दिल , किसी का प्यार आप की ज़िंदगी में हो गया है शामिल ।
जब भी दिल भारी हो तो आँसुओं को बहने दो , दुःख भी छँट जाएगा , ग़म भी बँट जाएगा ।
लेकिन ये ना भूलना कि बेशक़ीमती हैं ये आँसू , ये व्यक्त करते हैं दिल की भावनाओं को , इच्छाओं को , कामनाओं को ।
किसी के क़रीब आना चाहते हो तो आँसू है वो ज़रिया ।
पाक पवित्र प्रेम बंधन में बह सकता है आँसुओं का एक दरिया ।
ये चंद आँसुओं की बूँदे , अपने बहाव में बहा सकती हैं एक सल्तनत , ऐसी है इन में ताक़त ।
दोस्तों , अगर इन आँसुओं को बहाओगे व्यर्थ , तो हो जाएगा अनर्थ ।
जो लोग इन आँसुओं की असली क़ीमत नहीं जानते , उन नादानों के सामने आँसू कभी ना बहाना ।
फ़ुर्सत किसे है दिल की गहराइयों में झाँक कर देखने की , बहुत ख़ुदगर्ज़ हो गया है ये ज़माना ।
जो जानते हैं इन आँसुओं की क़ीमत , उनके लिए हैं ये इक ख़ज़ाना ।
सोना , चाँदी , हीरे , जवाहारात , इन सब की कोई क़ीमत नहीं है इन आँसुओं के सामने ।
आप एक रसिक के सामने चंद आँसू बहा कर तो देखो , अगर आशिक़ी उसका जुनून है तो फिर वो फ़ौरन लगेगा दिल को थामने ।
लेखक — निरेन कुमार सचदेवा

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