राम लंका जीत ली सबको खुशी भारी हुई।
आज चहकी है धरा खिल बाग सी सारी हुई।
रंग रोगन से सजे घर खूब प्यारे लग रहे,
है प्रजा देखो खुशी में मगन मतवारी हुई।
राम की बातें लिए जादू असर तो देखिए,
शत्रु सम्मुख मोहिनी छवि देखते हारी हुई।
मार करके राम रावण अवध में जब आ गये,
दीपमालाएं जलीं घर द्वार उजियारी हुई।
सुमन जय जय ही करे मगन अवधपती जीत में,
कमल जैसी है खिली प्रभु दर्शक पुजारी हुई।
स्वरचित
_डाॅ सुमन मेहरोत्रा
मुजफ्फरपुर, बिहार