
तेरी शान तेरे जलाल को मैंने जब से दिल में बसा लिया
मैंने सब चिराग भुझा दिए तेरा एक चिराग जला लिया ……………..
तेरी आस ही मेरी आस है तेरी धूल मेरा लिबास है
अब मुझे तू अपना बना भी ले मैंने तुझको अपना बना लिया…………
तेरी शान तेरे जलाल को मैंने जब से दिल में बसा लिया
मैंने सब चिराग भुझा दिए तेरा एक चिराग जला लिया ……………..
मुझे धुप छांव का गम नहीं तेरे कांटे फूलों से कम नहीं
मुझे जान से भी अजीज हैं जिस चमन से तेरा दिया लिया ………….
तेरी रहमते बेहिसाब है किस जुबान से करूं शुक्रिया
कभी मुझसे कोई खता हुई तुने फिर से मुझको उठा लिया ………..
अज्ञात