जय श्री राधे कृष्णा-“निरेन कुमार सचदेवा”

एक बार राधा जी ने कृष्ण से पूछा , ग़ुस्सा क्या है ?
बहुत ख़ूबसूरत जवाब मिला , किसी की ग़लती की सज़ा ख़ुद की देना ।

एक बार राधा जी ने कृष्ण से पूछा , दोस्त और प्यार में फ़र्क़ क्या होता है ?
कृष्ण जी हंस कर बोले , प्यार सोना है , और दोस्त हीरा , सोना तो टूट कर दोबारा बन सकता है , मगर हीरा नहीं !

एक बार राधा जी ने कृष्ण से पूछा , मैं कहाँ कहाँ हूँ ?
कृष्ण जी मुस्कुरा कर बोले , तुम मेरे दिल में , साँस में , जिगर में, तड़पन में , धड़कन में ,तन में ,मन में , हर जगह में हो ।

एक बार राधा जी ने कृष्ण से पूछा , प्यार में रंजिश क्यूँ है ?
कृष्ण जी ने कहा , इस रंजिश से ही तो पैदा होती है ख़लिश और कशिश , ये है एक अपनी तरह की साज़िश !

एक बार राधा जी ने कृष्ण से पूछा , मासूमियत और असलियत में क्या अंतर है ?
कृष्ण जी ने बहुत ख़ूबसूरत अन्दाज़ में कहा , मासूमियत ही है असलियत की हक़ीक़त !

एक बार राधा जी ने कृष्ण से पूछा , मीरा से आप का क्या रिश्ता है ?
कृष्ण जी ने कहा , मीरा है मेरी दीवानी और तुम हो मेरी अर्धानगिनी !

एक बार राधा जी ने कृष्ण से पूछा , पति पत्नी का रिश्ता कैसा होना चाहिए ?
कृष्ण जी ने कहा , जैसे मंदिर का इबादत से , निष्ठा का पूजा से , चाहत का हसरत से !
लेखक——-निरेन कुमार सचदेवा
Enjoy these amazing answers given by Lord Krishna !!

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