जहाँ अपनों की याद ना आए , वो तन्हाई किस काम की ?
जो बिगड़े रिश्ते ना बना दे , वो खुदाई किस काम की ?
नई नवेली दुल्हन को सास ससुर अगर सगन ना डालें तो वो मुँह दिखाई किस काम की ?
बेशक अपनी मंज़िल तक ही जाना है , पर जहाँ से अपने ना दिखें , वो ऊँचाई किस काम की ?
जो दिल को तड़पा और धड़का ना सकी , वो जुदाई और रूसवाई किस काम की ?
जो जीत का सेहरा ना पहना सकी , वो जंग , वो लड़ाई किस काम की ?
जहाँ प्यार , मोहब्बत और प्रेम के फूल ना खिल पाए , ऐसी क्यारियों की सिंचाई किस काम की ?
जो वक़्त पर पति को नाश्ता और भोजन ना दे पाए , ऐसी लुगाई किस काम की ?
जो समाज में बदलाव ना ला सके , ऐसी पढ़ाई किस काम की ?
तुम्हें नेकनामी का ख़िताब ना मिला तो , ऐसी भलाई किस काम की ?
दिल का चैन ,सुकून छिन्न जाने के बाद , पैसा वापस मिल भी गया तो ऐसी भरपाई किस काम की ?
सो कर रात भर जिस पर नींद ना आयी , बस करवटें बदलते रहे , ऐसी चारपाई किस काम की ?
दोस्तो , यारो , सही मार्ग का चयन करो , मददगार बनो , बुराई तो कभी भी नहीं है किसी काम की !!
Ha , ha , just for laughs , enjoy 😉 dears !!
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