
किसी ने कहा , ज़िंदगी तस्वीर भी है , और तक़दीर भी ।
फ़र्क़ तो रंगों का है , मनचाहे रंगों से बने तस्वीर , अनचाहे रंगों से बने तक़दीर ।
ऐसे हर जिस्म में देखो तो फ़र्क़ अंगों का है , रब ने बनाया है दिमाग़ , दिल , बाज़ू इत्यादी , लेकिन जो सब से महत्वपूर्ण चीज़ रब ने बनाई है वो है ज़मीर ।
ज़मीर ज़िंदा है तो ख़ूबसूरत ज़िंदगी की तस्वीर है , और निश्चित उज्जवल तक़दीर है।
सड़क पर कई इंसान चलते हैं , फ़र्क़ सिर्फ़ सोचने का है , कोई उसे मुसाफ़िर कहते हैं और कोई राहगीर ।
और सोचो , मक़सद तो दोनो का एक ही है , हासिल करनी है मंज़िल , पर यहाँ पर भी तक़दीर का योगदान है , कई बार ये बात नहीं समझता ये मूर्ख इंसान है ।
कई फ़र्क़ नामों से हम उस ऊपर वाले तो पुकारते हैं , कुछ कहते हैं रब , कुछ अल्लाह , कुछ मौला , कुछ ईश्वर , कुछ परमेश्वर और कुछ कहते हैं पीर ।
और हैरानगी की बात यह है कि उस ऊपर वाले को सब याद करते हैं , चाहे कोई अमीर हो या फ़क़ीर ।
बस फ़र्क़ यही है कि कुछ ज़िंदा ज़मीर लोग हमेशा याद करते हैं और कुछ मुसीबत में , यही तो फ़र्क़ है लोगों के फ़ितरत में ।
इंद्रधनुशी रंगों से रंग लो अपना ज़मीर , ख़ुद बख़ुद रंगीन हो जाएगी आप की तस्वीर , और यक़ीनन ख़ुशनुमा हो जाएगी आप की तक़दीर ।
और दिल को टटोलो तो शायद जान जायोगे कि वास्तविकता में अनचाहे रंगों से नहीं बनी है आप की तक़दीर , यही हक़ीक़त है , यही असलियत है ।
जो रंग आप अपनी ज़िंदगी की तस्वीर में भरोगे , उन्ही रंगों पर आपकी तक़दीर निर्भर होगी , प्यार मोहब्बत के रंगों से रंग लो अपनी ज़िंदगी की तस्वीर, तो निस्सन्देह सफलता आपके क़दम चूमेगी ।
आप सोच रहे होंगे कि ऐसा मैं क्यूँ कह रहा हूँ , क्यूँकि जो लोग जज़्बाते प्यार मोहब्बत की क़द्र करते हैं , ईश्वर भी होता उन्हीं के साथ है , उनके सर पर हमेशा परम पिता परमेश्वर का हाथ है !!
लेखक——निरेन कुमार सचदेवा।
Just 🤔 thinking aloud , have a great 👍 day my dears !
ATI Uttam👌👌