
रामनगर जिले के स्वास्थ्य विभाग में राज्य स्तर से ए.एन.एम.,
डॉक्टर,कर्मचारियों,लैब टेक्निशियन एवं स्वास्थ्य कर्मियों के लगभग एक सौ पचास से अधिक लोगों की ट्रान्सफर-
पोस्टिंग हुयी। मीडिया के लोंगो का कहना था कि एक ट्रान्सफर-
पोस्टिंग में कम से कम पच्चीस हजार से लेकर पचास- साठ हजार रूपये लिये गये जिसमें साठ सतर लाख रुपए का बंदरबाट हुआ।
डॉक्टर लोंगो की एक आपसी बैठक में एक डॉक्टर रामलाल ने सिविल सर्जन डॉक्टर मनमोहन सिंह से पूछा कि सर हमने सुना है इस ट्रान्सफर-पोस्टिंग में आप बीस-पच्चीस लाख रूपया कमाये हैं,सर एक पार्टी तो बनती है।
डॉक्टर मनमोहन ने मायूस होकर कहा कि “हमें ठेंगा मिला है रामलाल बाबू। कहिएगा तो हम भी आपको ठेंगा दे सकते हैं।”
कर्मचारियों में से कुछ कर्मचारी ने सिविल सर्जन के बड़ा बाबू मनोज कुमार से पूछा इस ट्रान्सफर पोस्टिंग में आप खूब कमाये हैं बड़ा बाबू।चलिए कुछ खर्चा- वर्चा कीजिए। बड़ा बाबू ने उस कर्मचारी को ठेंगा दिखाते हुए कहा कि “हमें भी यहीं ठेंगा मिला है।आप भी लीजिए इसे”।
बड़ा बाबू ने झल्लाते हुए कहा “सारा माल-पैसा मंत्री जी,मंत्री के पीए एवं स्वास्थ्य विभाग के चीफ सेक्रेटरी ले गये,हमलोगों के लिए छोड़ गये ये ठेंगा। “
वहीं पर बैठे एक समाज सेवक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि “सर जब आप अपने मातहत डॉक्टर, ए.एन.एम. एवं कर्मचारी को पैसा लेकर ठेंगा दिखाते थे तो आप सबको बड़ा मजा आता था। जब लोंगो ने आपको ठेंगा दिखाया तो झल्लाने लगे,खिसियाने लगे।”
अजय की बातों से बड़ा बाबू मनोज के चेहरे का रंग उड़ चुका था।
वहीं पर खड़े एक एक चपरासी रामू ने कहा कि “यह ठेंगा भी गजब का है एक जगह स्थिर रहता ही नहीं है।”
——0——
अरविन्द अकेला,पूर्वी रामकृष्ण नगर, पटना-27