“तुम है चाँद तारा”-डॉ गुलाब चंद पटेल

तुम ही हो चाँद तारा प्यारा है
तुम ही हो अमर प्यार हमारा है

पर्दा हटते ही चाँद निकल आता है
उसकी हर अदा हमे दिवाना बनाती है

लोग तुम्हें चाहे दूर से देखते है
नजदीक से देखने का हक्क हमारा है

बादल का पर्दा हटते ही चाँद दिखता है
इन्हें देखकर दिल मेरा बहुत धड़कता है

कातिल नजरो से निगाह डाला है
चाँद तुम पर हक सिर्फ हमारा है

तुम्हें मिलने को चाँदनी रात मन बनाया है
दिल में हमने तेरे लिए एक स्वप्न सजाया है

तुम्हें बिना देखे चेन नहीं मिलता है
तुम्हारा स्मित हमे बहुत प्यारा लगता है

तुम्हारी याद रात हमे बहुत सताती है
खुशिया की लहर हमे सुबह जल्दी जगाती है

चाँद तुम इंतजार बहुत कराता है
जीवन में प्यार की लहर दौड़ जाती है

चाँद तुम हमे जी जान से प्यारा है
तेरे संग जिंदगी जीना मकसद हमारा है

कवि गुलाब ने प्यार का पैगाम पहुंचाया है
चाँद को ही सिर्फ अपने दिल में बसाया है

डॉ गुलाब चंद पटेल
अध्यक्ष महात्मा गांधी साहित्य सेवा संस्था गुजरात Mo 8849794377

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