दिव्य दरसन दिहिन हमरे राम जी-“प्रतिभा पाण्डेय”

हमरे राम जी-2
दिव्य दरसन दिहेन हमरे राम -2
हिय हरषित भयेन हमरे राम -2
दिव्य दर्शन दिहेन

जियरा के खुशी मिलल देखि के हे राम जी,
कोटि कोटि नमन करी तोहिंके हे राम जी-2
हिलरत सरयू जईसन,मोर करेजवा,
मिटि गै अंधेरवा, होइ गईन अजोरवा-2
होइ गइलय कलयुग धन्य हमरे राम-2
दिव्य दरसन दिहेन हमरे राम -2
हिय हरषित भयेन हमरे राम -2
दिव्य दर्शन दिहेन।1।

अहिल्या बनी जोहत बाटी बांट हो,
सुनिला हमरो अरज हे श्रीनाथ हो -2
मोह माया भंग भईल सुना ऐ राघव,
मीरा जईसन ढंग भइल सुना ऐ राघव-2
अब अंखियन के चैन मिली हमरे राम-2
दिव्य दर्शन दिहेन हमरे राम -2
हिय हरषित भयेन हमरे राम -2
दिव्य दर्शन दिहेन।2।

अवतार फिर से लेकै रघुवर आये धरती पर
सूर्य सा तेज रंगत दिखता काला मूरती पर-2
अब शबरी के सब्र क बेर खइहै मिठा,
हनुमंत सेवा क लिहन आठो पहर टिका-2
कौशल्या-नंदन जगप्यारे हमरे राम-2
दिव्य दर्शन दिहेन हमरे राम -2
हिय हरषित भयेन हमरे राम -2
दिव्य दर्शन दिहेन।3।

रमती रमैया रम रम के रमकर
सुब बुध खोई रघु राजीव में रंगकर-2
क्लेशग्रस्त अंखियन से वर्षण भईल,
देखिके पाप सारा कर्षण भईल -2
धन्य धन्य भईल जीवन हमरे राम-2
दिव्य दर्शन दिहेन हमरे राम -2
हिय हरषित भयेन हमरे राम -2
दिव्य दर्शन दिहेन।4।

(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई

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