
नयी ले के फिर खुशियाँ नया साल आया है ।
हो रोशन रहीं अँखियाँ नया साल आया है ।।
हमें आने लगते हैं नये सपने गुलशन के ।
खिली हैं नयी कलियाँ नया साल आया है ।।
यहाँ भी वहाँ भी धूम होने लगी यारो ।
सजी हैं सभी गलियाँ नया साल आया है ।।
कहो हैप्पी न्यू ईयर सभी एक-दूजे को ।
घड़ी की बजें ध्वनियाँ नया साल आया है ।।
नशे में न जाने क्यों वो स्वागत करें ऐसे ।
बहीं दारू की नदियाँ नया साल आया है ।।
नये साल का उत्सव मनाने की ही खातिर ।
उड़ें पापा की परियाँ नया साल आया है ।।
नये साल में हमको है पाना खुशी अपनी ।
बनें अब नयी सखियाँ नया साल आया है ।।
मुहब्बत में जाने कैसी-कैसी अभी से ही ।
शरारत करें कुड़ियाँ नया साल आया है ।।
न जाने कहाँ ये वक्त सारा गुज़र जाए ।
गुज़र जाती हैं घड़ियाँ नया साल आया है ।।
मुझे याद रहती ही नहीं गलतियाँ अपनी ।
गिना देना सब कमियाँ नया साल आया है ।।
नया ही ज़माना देखने को मिले “बिंदल” ।
पुरानी भुला सदियाँ नया साल आया है ।।
धन्यवाद
©® विकास अग्रवाल “बिंदल” , भोपाल