१.
शारदीय नवरात्र का हो गया आगमन
घर-घर में दुर्गा की मूरती सजाई है
बैल पे सवार हो के हाथ में त्रिशूल लिए
शक्ति साहस की दाता शैलपुत्री आई है
धूप दीप फूल माला चुनरी व नारियल
मिश्री का भोग पा के फूली न समाई है
अन्न धन देने वाली भरती है झोली खाली
अपने प्यारे भक्तों की बनी मां सहाई है ।
२.
कर में कमंडल ले आई ब्रह्मचारिणी मां
ज्योतिर्मय स्वरूप से जग को लुभाती है
यही देवी भगवती नारायणी अपर्णा मां
शिक्षा और ज्ञान की मां चेतना जागती है
हाथ में फूल लेकर माता का जो ध्यान करें
उसके सफल सारे काज कर जाती है
संयम नियम से ही करे जो उपासना तो
दौड़ी दौड़ी माता रानी घर चली आती है ।
3.
चंद्रघंटा दुर्गा माता तीसरी है आदि शक्ति
लोक परलोक में ये सबसे ही प्यारी है
इड़ा पीड़ा आधि व्याधि सबका हरण करें
शांति व सुख की दाता सर्व हितकारी है
आसुरी शक्तियों का आई है संहार करने
अस्त्र-शस्त्र हाथ लिए दस भुजा धारी है
जिसकी आराधना से पाप कष्ट मिटते हैं
वही चंद्रघंटा मैया भक्तों की दुलारी है ।
- डॉ. त्रिलोक चंद फतेहपुरी
अटेली हरियाणा