“पिता” -वेन्नल रम्या श्री

नमस्कार🙏,
मेरा नाम वेन्नल रम्या श्री हैं।
मैं आपके सामने पिता पर एक कविता प्रस्तुत करने जा रही हूं।

पिता के बारे में लिखना, पिता के महिमा का गुणगान करना इतना आसान नहीं है। फिर भी मैं ने पिता के बारे में लिखने की कोशिश की है।

            पिता 

पिता शब्द, जो अपने जीवन को अर्पित करके,
अपने बच्चों को जिंदगी प्रदान करते हैं।
माँ ने सिर्फ नौ महीने गर्भ में रखती हैं,
लेकिन पिता जीवन भर दिल में रखकर अपने बच्चों को उज्ज्वल भविष्य प्रदान करने के लिए अपना सुख सुविधाओं को छोड़ देते हैं।

पिता शब्द, जो बर्फ की तरह खुद पिगल कर,
अपने बच्चों को पीने को पानी देते हैं।
सूरज की धूप में खुद जल कर,
अपने बच्चों को छांव प्रदान करते हैं।

पिता शब्द, जो अपने बच्चों के हर सपना पूरा करने के लिए,
बिना आराम किए काम में जुड़ रहते हैं।
अपने बच्चों को पर्वत के शिखर पर पहुँचाने केलिए,
उनके संघर्ष खुद लड़कर धरती पर रह जाते हैं।

पिता शब्द, जो बच्चों का सदन, गर्व, सद्गुरु, शरण, सम्मान,और अभिमान हैं,
हमेशा अपने सन्तान के संतोष और खुशी के बारे में ही सोचते हैं।
ऐसे पिता का होना, हर बच्चे का भाग्य हैं,
वरदान हैं, जो परमपिता का आशिर्वाद के रूप में हमें नसीब होता हैं।

पिता के बारे में अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए इस सुवर्ण अवकाश देने के लिए आप सब को मेरा धन्यवाद है।

45 Comments

  1. Jolly

    That’s awesome..God bless you 🤍

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