मन का हारा हार गया ।
शक में सारा प्यार गया ।।
जिस पर था विश्वास हमें ।
धोखे से वह ही मार गया ।।
गैरों ने कभी कुछ नहीं छीना ।
अपना सबकुछ डकार गया ।।
जिसने हिम्मत से काम लिया ।
तैर दरिया वह ही पार गया ।।
टूट जाता है हर रिश्ता वहाँ।
जहाँ किसी का एतवार गया।।
भीम आँखें हैं तो दुनिया है ।
अगर आँखें गई संसार गया।।
भीम सिंह नेगी, गाँव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश।
पूर्णत: स्वरचित एवं अप्रकाशित रचना।
वाह बहुत बहुत बढ़िया ।keep it up Dear