मुझे काम दे दो-“डॉ विनोद कुमार शकुचंद्र”

मुझे,भीख नहीं चाहिए
मुझे,काम दे दो
सम्मान से भरा हुआ
एक नाम दे दो

मैं पढ़ा लिखा हूं, साहेब
मैने डिग्री ली है सही माध्यम से
मैने किसी को रिश्वत नही दी
जो पाया है,खुद के दम से
मुझे मेरी मेहनत का
बस तुम दाम दे दो

मैने उसको पूजा है
उसको,बेचा नही है अब तक
तुम्हारी तरह अंधे होकर के
इंसान को देखा नही है अब तक
अंधेपन को धो डालूं मैं
कोई ऐसा राम दे दो

वो जोश में फौज में गया है
बेचारा,बस चार साल तक ही
इस वक्त के बताओ तो जरा
देशभक्ति,लगेगी महज़ झक ही
तुमसे है विनती,जनाब
आवाम को आवाम दे दो

अस्सी करोड़ लोग यहां
बेचारे,मुफ्त राशन ले रहे हैं
बहुत से,अनपढ़ धर्म के नाम
तुम्हारा वाहियात भाषण ले रहे हैं
इन गरीब लोगों को उनका सच्चा
मेहनत भरा आराम दे दो

डॉ विनोद कुमार शकुचंद्र

1 Comment

  1. Kuldeep Singh

    बहुत सुंदर लिखा आपने

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *