मोबाइल की दुनिया में
हर इंसान बदल गया है
रूठने मनाने का यारों
अंदाज बदल गया है।।
सोचता हूँ फ़ेसबुक पर भी
उससे मिलना जुलना बन्द करूँ
उसने मेरी पोस्ट पसन्द नही करी
मैं भी उसकी क्यों पसन्द करूँ।।
लगता है वो भी बस अब
रील देखने में ही मस्त हो गया है
उसने मेरे सन्देश का उत्तर नही दिया
लगता है बहुत व्यस्त हो गया है।।
सोचता हूँ, क्यों न लॉक
उसकी मैं प्रोफ़ाइल करूँ
वो भी मेरे भेजे चुटकुलों पर हँसा नही
मैं भी क्यों उसके चुटकुले पर स्माइल करूँ।।
देखता है, वो स्टेटस मेरा
पर कोई कमेंट नही करता है
खुद को बहुत बड़ा समझने लगा है
कोई पोस्ट खुद भी कभी अब सेंट नही करता।।
सोचता हूँ वर्डसेप पर
अब गुडमोर्निंग भेजना भी बन्द करूँ
ऐसे मित्र का तो मोबाईल
बिरादरी में आना पाबन्द करूँ।।
अतुल कुमार,
गड़खल , जिला सोलन।