मोहब्बत कीजिए शिद्दत से-“निरेन कुमार सचदेवा”

तुम ग़लती करती रहो ,मैं मनाता रहूँगा !!
आख़िरी साँस तक दिल से मैं तुम्हें यूँ ही चाहता रहूँगा ।
तुम्हें जो भी पसंद हों ,वो सब ला कर घर को सज़ाता रहूँगा ।
तुम जो गीत पसंद करोगी , मैं वो गुनगुनाता रहूँगा ।
तुम्हारे मन पसंद का खाना मैं बनाता रहूँगा ।
तुम डाँटोगी तो भी मुस्कुराता रहूँगा ।
तुम्हारे हर कहे जोक पर ताली बजाता रहूँगा।
तुम्हारे आँगन को मैं ख़ुशबू से महकाता रहूँगा।
ज़रूरी हुआ तो तुम्हारे हर अंधेरे को रोशनी बनाने के लिए , मैं दिल जलाता रहूँगा ।
Darling ज़्यादा effectively कह पाऊँ , इस लिए थोड़ा हकलाता रहूँगा ।
नाराज़ भी हो जाना तुम , मैं प्यार से समझाता रहूँगा ।
सिर्फ़ एक वादा कर लो मुझसे , कि जनम जनम तक मैं तुम्हारा साथी बन के आता रहूँगा ।
और मेरा यह सच्चा वादा है तुमसे , कि मैं हर जनम सातों वचन निभाता रहूँगा !!!!!!
कवि———निरेन कुमार सचदेवा

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