युवाओं का प्रेरणा स्रोत है स्वामी विवेकानंद-“सत्येन्द्र कुमार पाठक”

राष्ट्रीय युवा दिवस भारत के युवाओं व नौजवानों के लिए समर्पित राष्ट्रीय युवा दिवस प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी महत्वपूर्ण है । देश के भविष्य को बेहतर और स्वस्थ बनाने का क्षमता रखते हैं। भारतीय युवा दिवस को 12 जनवरी को मनाने का दिन स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। स्वामी विवेकानंद का असली नाम नरेंद्रनाथ दत्त वेदांत के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। छोटी उम्र से अध्यात्म में रुचि हो गई थी। पढ़ाई में अच्छे होने के बावजूद जब वह 25 साल के हुने पर अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस से प्रभावित होकर नरेंद्रनाथ ने सांसारिक मोह माया त्याग दी और संयासी बन गए। संन्यास लेने के बाद उनका नाम विवेकानंद पड़ा। 1881 में विवेकानंद की मुलाकात रामकृष्ण परमहंस से हुई। स्वामी विवेकानंद अक्सर लोगों से एक सवाल किया करते थे कि क्या आपने भगवान को देखा है? इसका सही जवाब किसी के पास नहीं मिला। एक बार उन्हें रामकृष्ण परमहंस से सवाल किया था, जिस पर रामकृष्ण परमहंस जी ने जवाब दिया था, हां मुझे भगवान उतने ही स्पष्ट दिख रहे हैं, जितना की तुम दिख रहे हो, लेकिन मैं उन्हें तुमसे ज्यादा गहराई से महसूस कर पा रहा हूं। स्वामी विवेकानंद ने 1897 में कोलकाता में रामकृष्ण मिशन की स्थापना 1898 में गंगा नदी के किनारे बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना की थी। अमेरिका में धर्म संसद का आयोजन 11 सितंबर 1893 ई. में स्वामी विवेकानंद भी शामिल होने पर धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद ने व्याख्यान हिंदी में कहकर की कि ‘अमेरिका के भाइयों और बहनों’। उनके भाषण पर आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो में पूरे दो मिनट तक तालियां बजती रहीं। जो भारत के इतिहास में एक गर्व और सम्मान की घटना के तौर पर दर्ज हो गई थी । स्वामी विवेकानंद को ऑलराउंडर कहा जाता है। स्वामी विवेकानंद धर्म, दर्शन, इतिहास, कला, सामाजिक विज्ञान, साहित्य के ज्ञाता थे। शिक्षा में अच्छे होने के साथ ही वह भारतीय शास्त्रीय संगीत का ज्ञान रखते खिलाड़ी थे। वह युवाओं के लिए किसी प्रेरणा हैं। उन्होंने कई मौकों पर अपने अनमोल विचारों और प्रेरणादायक वचनों से युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के स्वामी विवेकानंद जी जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को युवाओं के लिए समर्पित करने का प्रारंभ 12 जनवरी 1984 में हुई थी। भारत सरकार ने कहा था कि स्वामी विवेकानंद का दर्शन, आदर्श और काम करने का तरीका भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा का महत्वपूर्ण स्रोत हैं। स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर मनाने की घोषणा कर दी गई।

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