लोह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल-“डॉ गुलाब चंद पटेल”

यही प्रसिद्ध लोह का पुरुष प्रबल
यही प्रसिद्ध शक्ति शीला अटल

हिला उसे सका कभी न शत्रु,
पटेल पर स्वदेश के गुमान है

सु बुध्दि उच्च श्रुग पर किए जगह
ह्रदय गंभीर हे समुद्र की तरह

कर मे धुएं हुए जमीन की तरह
पटेल देश का निगाह बान हे

हरेक पक्ष को पटेल लोभाता
हरेक भेद को पटेल खोलता

कुशल या छिपाव से उसे गरज
कठोर नग्न सत्य बोलता

पटेल हिम्मत की निडर जबान हे

-हरिवंश

अखंड भारत के निर्माता सरदार वल्लभभाई पटेल गुजरात के खेड़ा जिल्ले में 31 अक्टूबर 1875 मे जन्मे थे, उन्होने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में भी हिस्सा लिया था, बार डॉली सत्याग्रह मे नेतृत्व के रूप में सफलता हासिल की थी इस लिए महिला ने उनको सरदार की उपाधि से नवाजा था, वो भारत के स्वातंत्र्य सेनानी थे, उन्होने रियासतों बिखरी हुई थी उन्हे भारत में विलय कराया था लेकिन जम्मू कश्मीर, जूनागढ़ और हैदराबाद के राजवी शामिल न हुए, उन्हे लोह पुरुष के नाम से जाना जाता है,, वो राष्ट्रीय कॉंग्रेस में शामिल थे, उनका जन्म किसान परिवार में हुआ था, उनके पिताजी का नाम झवेर् भाई पटेल और माताजी का नाम लाडबा था, वो उनके माता पिता की चौथी संतान थे,
खेड़ा मे जब अकाल पड़ा था तो एँग्रेज सरकार को कर माफी मांगी थी, इस कार्य में गांधीजी और अन्य लोग जुड़े हुए थे लेकिन सरकार ने माना कर दिया लेकिन उन्होने सरकार को कर नहीं भरने के लिए किसानो को बताया, अंत में सरकार झुकी और कर मे राहत दिया था,
वो बेरी स्टार की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड गए थे, उन्होने अहमदाबाद में वकालत की थी, वो गांधीजी के विचारों से प्रेरित होकर स्वतंत्रता की लड़ाई में जुड़े थे, वो निडर और राष्ट्र को समर्पित थे,
उनकी सम्मान में ahm में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम सरदार वल्लभ भाई पटेल हवाई अड्डा रखा, नर्मदा के किनारे सरदार पटेल के नाम से सरदार डेम बनाया गया है, उनके स्वन्त्रता के समय में लिखे गए पत्र का 10 खंड में प्रकाशित किया गया है, उसका हिन्दी अनुवाद भी किया गया है, वो दुर्गा प्रसाद ने संपादित किए गए थे और नवजीवन प्रेस ने प्रकाशित किया गया है, 1945 से 1950 तक के स्वतंत्र ता के समय के ये पत्र राष्ट्र के भंडार में रखे गए हैं, उनके नाम से सरदार पटेल विश्व विद्यालय भी बनाया गया है,
31 अक्टूबर 2013 में सरदार पटेल की 137 वी जन्म जयंती के अवसर पर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने सरदार वल्लभ भाई पटेल स्मारक का शिलान्यास किया गया था, लोह धातुसे 93 मीटर ऊंची विश्व की सबसे बड़ी, ऊंची प्रतिमा नर्मदा नदी के बीच बनाई गई है, उसे स्तेच्यु ऑफ यूनिटी नाम दिया गया है, उसका अर्थ है एकता की मूर्ति, वो करीबन 3000 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है, उसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग जाते हैं, ऎसे लोह पुरुष सरदार पटेल जी को नमन…..

डॉ गुलाब चंद पटेल
कवि लेखक अनुवादक
नशा मुक्ति अभियान प्रणेता
ब्रेस्ट कैंसर अवेर्ने्‍सस कार्य क्रम योजक

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *