हमने की कुछ ऐसी तीरन्दाज़ी, कि इश्क़ ने मार ली बाज़ी-“निरेन कुमार सचदेवा”

तुम उलझे रहे हमें आज़माने में, और हम हद से गुज़र गए
तुम्हें चाहने में ——!
अब ये तो तुम्हें मानना ही पड़ेगा कि हम खरे उतरे पैमाने पे।
पूछो क्यूँ, क्यूँकि तुम्हारा दिल था हमारे निशाने पे।
तुम आज़माते रहे और हम निशाने लगाते रहे।
सब से बढ़ी बात है ये कि तीर पे लिखा था इश्क़ का पैग़ाम।
और जब वो तीर तुम्हारे दिल पे लगा, तो——-तुम से मशवरा किए बिना, तुम्हारे दिल ने हमें भेजा सलाम——-!
है बहुत चतुर और चालक तुम्हारा दिल, रखा अपने आप को गुमनाम।
लेकिन हमें थी पहचान, थोड़ी बहुत तुम्हारे ज़मीर ने भी की साज़िश।
ज़मीर ने हौंसला तुम्हारे दिल को, और ये दोनों अब कर रहें हैं तुम से ये गुज़ारिश।
कि, अब छोड़ दो आज़माने का नाटक , क्योंकि इश्क़ ओ मोहब्बत से लिपटा हुआ तीर में तुम्हारे दिल में गया है अटक।
और बहुत ज़्यादा हो गई है तुम्हारे दिल की अब धक धक।
क्या कहा तुमने, तीर ने कर दिया है दिल को घायल ।
देख लो, घायल हो कर भी ये हो चुका है हमारा क़ायल।
अपने तीर का रुख़ हम मोड़ देंगे, तुम्हारे दिल को अकेला छोड़ देंगे।
शर्त है बस इतनी, कि तुम भी हम से उतनी ही मोहब्बत करो——हम करते हैं तुम से जितनी।
अब फ़ैंसले की है घड़ी, यही है हमारी नसीहत——बरसा दो अहसासे इश्क़ से भारी बारिशें, लगा दो प्रेम की झड़ी।
ये वादा है हमारा , करेंगे तहे दिल से तुम्हारे दिल की तीमारदारी।
और वैसे भी तुम्हारी जान , है हमें अपनी जान से भी ज़्यादा
प्यारी——!
पहन लो आशिक़ी का चोला, अपने दिल से ना करो बग़ावत।
अब चाह कर भी तुम हमें नहीं ठुकरा सकते, तुम्हारे दिल और ज़मीर की भी यही ही है हसरत।
ईंतेहा हो चुकी है, अब छोड़ दो आज़माना और परखना।
अब देखना शुरू कर दो, ज़िन्दगी हमारे साथ बिताने का
सपना———!!
लेखक——- निरेन कुमार सचदेवा
Cupid 💘 strikes in many different ways my dears .

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