होली के रंग, मकस के संग।

होली के रंग, मकस के संग।
काव्य हो ढ़ंग, मजा देखा दंग।।

काव्य का रंग बरसा, गुग्गुल मीट पंग।।

मकस कहानिका के छत्तीसगढ़ इकाई पटल पर होली के अवसर पर दिनांक 24. 3.2024 दिन रविवार समय 12:00 बजे से काव्य के रंग , मकस के संग का उत्सव का आयोजन गूगल मीट के माध्यम से किया गया।मकस।कहानिका छत्तीसगढ़ इकाई के सभी राष्ट्रीय स्तर के साहित्यकार बढ़-चढ़कर भाग लिए।कवियों ने होली के विभिन्न रंगों पर रंगारंग प्रस्तुति देकर भाव विभोर कर दिया ।
कार्यक्रम की शुरुआत आदरणीया आशा झा के मधुर स्वरों से सरस्वती वंदना प्रारंभ हुई,गणेश वंदना लता शर्मा जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़, स्वागत गीत सरोज साव कमल जी, स्वागत भाषण नवेद रजा दुर्गवी जी द्वारा किया गया।शुरू से अन्तिम तक रमज़ान का रोजा( उपवास रख) कर भी उत्कृष्ट, श्रेष्ठ संचालन करते हुए।
नवेद रजा दुर्गवी के कुशल संचालन से कवि सम्मेलन को सफलतापूर्वक संपन्न कराया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री जुगेश चंद्र दास जी, सभा अध्यक्ष आदरणीय श्याम कुँवर भारती जी, विशिष्ट अतिथि श्री कैलाश बरमेचा दुर्ग शहर के उत्कृष्ट साहित्यकार, उत्कृष्ट बिजनेस मैन,एवं नरेंद्र वैष्णव जी अपने बहुमूल्य समय देकर इस कार्यक्रम को सफल बनाए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आदरणीय जुगेशचंद्र दास जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि- साहित्यकार अपनी लेखनी को राष्ट्र एवं समाज के लिए समर्पित करते हैं। साहित्यकार राष्ट्र चिंतक हैं एवं अपनी लेखनी को शस्त्र बनाकर कुरीति, अनीति, अन्याय, भ्रष्टाचार पर आघात करते हैं।वही सभा अध्यक्ष आदरणीय श्याम कुंवर भारती जी जो बहु प्रतिभा के धनी हैं, आपने साहित्य की महत्ता ,साहित्य सेवा, साहित्य की विविधता, विभिन्न विधा एवं विभिन्न स्थानों में हुए कवि सम्मेलनों की जानकारी दिए।विशिष्ट अतिथि द्वारा श्री कैलाश बरमेचा जी, एवं श्री नरेंद्र वैष्णव जी ने जो महान साहित्यकार हैं अपने प्रभावशाली उद्बोधन से सबके मन को उत्साह से भर दिया।
इस सम्मेलन की विशेषता यह है कि देश के लगभग कई राज्यों से महान साहित्यकारों ने कार्यक्रम में भाग लिए। साहित्यकार अपनी अपनी विधा से कार्यक्रम को सफल बनाएंँ।
छत्तीसगढ़ इकाई के हर कार्यक्रम में चार चांँद लगाते हुए कार्यक्रम की विशिष्टता को उच्चता का शिखर देते हुए दुबई की भूमि से आदरणीय जे के मिश्रा जी भाग लिए हैं एवं अपनी विशिष्ट कला से सभी साहित्यकारों कोमंत्र मुग्ध किया ।

विभिन्न कवियों ने होली विषय पर अपने रंग बिखेरे।नवेद रज़ा दुर्गवी, सरोज साव कमल, आशा झा, जुगेश चंद्र दास, दिलीप टिकरिहा, लता शर्मा, नरेंद्र वैष्णव आदि छत्तीसगढ़ से।
कृष्णानंद कनक,रेनू झा बिहार से, श्याम कुमार भारती जी, कल्पना झा,शिव प्रसाद जी झारखंड से, आदरणीय सुधीर श्रीवास्तव जी गोंडा उत्तर प्रदेश से,रामनिवास मिश्राज जोआशु कवि एमपी से, करुणा तिवारी जी पश्चिम बंगाल से, जे के मिश्रा जी दुबई से भाग लिए।
कवि सम्मेलन कार्यक्रम बहुत ही उत्साह पूर्ण एवं रंगोत्सव से भरा हुआ रहा।।इसमें रचना, ग़ज़ल, गीत,छंद, कविता
अंत में सरोज साव कमल जी ने धन्यवाद एवं आभार व्यक्त अपनी विशेष शैली से करके कार्यक्रम अगले काव्य पाठ तक समाप्ति की घोषणा की।
जुगेश चंद्र दास
शायर/,कवि नवेद रज़ा दुर्गवी दुर्गछत्तीसगढ़

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