शहर (कविता)

शहर (कविता)

न भाया शहर हमको तेरा,, रौशनी की न गुंजाइशे हैं,, हर तरफ सिर्फ छाया अंधेरा,,,
काश (कविता)

काश (कविता)

काश देख पाती कभी तुझे, जब तू थक कर लेटा हो मेरी आगोश में,, उस पल में और कोई न हो मैं,तुम और ये नीला आसमान हो।
बेमेल रिश्तों की बोझिल तस्वीर:खैरियत है हुजूर (उर्मिला शिरीष)

बेमेल रिश्तों की बोझिल तस्वीर:खैरियत है हुजूर (उर्मिला शिरीष)

21वीं सदी में भी हमारे समाज में लड़कियों का स्वच्छंदविचारवादी होना गवारा नहीं।उसका अपने जीवन से जुड़े फैसले स्वयं लेना जैसे किसी अनचाहे गुनाह को न्योता देने जैसा समझा जाता है
ग़ज़ल

ग़ज़ल

ये  दर्द  दिल में जगा न होता अगर वो मुझसे ज़ुदा न होता।