लैंसडाउन की उॅचाइयों पर-“बृजेश आनन्द राय”

लैंसडाउन की उॅचाइयों पर-टहलते हुए…'शीतकालीन ठंडी-तीव्र हवाओंऔर सख्त चट्टानों के बीचऊर्ध्व-वृक्षों की छाया तलेदोपहर से तिरछे पड़ते सूरज…