स्वयं प्रकाशी-“डाॅ०अनिल गहलौत”

स्वयं प्रकाशी, घट-घट-वासी, मुदमय मंगलकारी राम।सत-अभिलाषी, असत विनाशी, असुरों पर नित भारी राम।। मर्यादा-पुरुषोत्तम, त्यागी, सत्पथगामी, व्रती अनन्य।मानवधर्मी,…