राष्ट्रीय युवा दिवस के शुभ अवसर पर ग्रुप के सभी लोगों को स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के साथ-साथ कोटि-कोटि शुभकामनाएं। और मेरी टूटी-फूटी रचनाएं इस प्रकार है

तीस वर्ष का ज्योतिपुंज था।ज्ञान पुष्प का सुरभि कुंज था,मस्तक पर थी आरुणि में रेखा।चकित रह गया जिसे…

प्राण’ नहीं बच पाएगा-“बृजेश आनन्द राय”

मौन, उपेक्षा और अनादर,जीवन भर तड़पाएगा ।प्रि्ये, तुम्हारे षडयंत्रों से'प्राण' नहीं बच पाएगा।। क्या ग्रन्थि है अविश्वास कीजिसमें…

हम सनातनी अनुपातक हैं-“बृजेश आनन्द राय, जौनपुर”

हम सनातनी अनुपालक हैं, राम सिया गुण गाएंँगे।राम-कथा को कहते-सुनते, निर्मल-मन हो जाएंँगे।। रामकथा सुखदाई जिसमें, मानस मोती…