Posted inArticles poetry मेरी हिन्दी-“प्रतिभा पाण्डेय” माथे पर बिन्दी सी सुसज्जित मेरी हिन्दी,मृदुभाषी,शर्मीली दुल्हन सी मेरी हिन्दी,हिन्दुस्तान की धरोहर मेरी हिन्दी,नित नूतन गति पर… Posted by Rajni Prabha January 10, 2024
Posted inpoetry shayari जाड़ों पड़-“अभय चौरे” जाड़ों पड़ न असो जाड़ों पड़मन कर रजाई म आड़ो पड़एक रजाई स काम नी चललुगाई ख रजाई… Posted by Rajni Prabha January 10, 2024
Posted inArticles poetry मेरे राम-“पंडित अभय चौरे” विरोधी कहते हैं सारे राम मंदिर केजैसे गिराया था बाबरी मस्जिद कोमंदिर को हम सीधे बम से उड़ाएंगे… Posted by Rajni Prabha January 10, 2024
Posted inArticles आजकल की दुनिया बहुत निराली है-“निरेन कुमार सचदेवा” यहाँ बिकता है सब कुछ, ज़रा रहना संभल के——लोग हवा भी बेच देते हैं ग़ुब्बारों में balloon 🎈डाल… Posted by Rajni Prabha January 10, 2024
Posted inpoetry shayari एक छोटा सो तिल भी क्या चीज़ है-“निरेन कुमार सचदेवा” तिल भी क्या चीज़ है , जो गुड पे लगा वो गजक हो गया——-जो गाल पे लगा ,… Posted by Rajni Prabha January 10, 2024
Posted inArticles चाँद सी महबूबा हो मेरी, कब ऐसा मैंने सोचा था-“निरेन कुमार सचदेवा” एक अज़ीज़ यार ने लिखा , नागरिकता तो तुम्हारी भी check होनी चाहिए , लगता है तुम चाँद… Posted by Rajni Prabha January 10, 2024
Posted inpoetry मेरा देश मेरी वसुंधरा-“कुलदीप सिंह रुहेला” आओ मिलके जीवन कीबगिया को आज महकाते हैसब अपनी बगिया में मिलकेएक प्यार का पौधा उगाते है हो… Posted by Rajni Prabha January 10, 2024
Posted inPress Note काशी काव्य गंगा साहित्यिक मंच 102 वीं गोष्ठी मनाया गया-“” वाराणसी:: काशी काव्य गंगा साहित्यिक मंच वाराणसी की 102 वीं गोष्ठी श्रीवास्तव म्युचुअल फंड कार्यालय, यादव कटरा सनबीम… Posted by Rajni Prabha January 10, 2024
Posted inpoetry कुछ है जो अधूरा है-“विजय कुमारी सहगल” कुछ है जो अधूरा हैजीवन का ,हर एक सपना,पूरा है lफिर भी,न जाने क्यों ?यह लगता है lसब… Posted by Rajni Prabha January 10, 2024
Posted inghazal ग़ज़ल-“बृजमोहन” कोई अपना रुआब देने लगे ।तल्ख़ियों में जवाब देने लगे ।। जिन्हें लायक बना दिया हमनें ।दोष वे… Posted by Rajni Prabha January 10, 2024