Posted inArticles किसी ने सच ही कहा है कि प्यार एक पागलपन है-“निरेन कुमार सचदेवा” अच्छा लगता है तुम्हें पढ़ना, लिखावट से भी तुम्हारी आवाज़ आती है——-और ये मधुर आवाज़ हमें बहुत भाती… Posted by Rajni Prabha February 3, 2024
Posted inArticles गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ-“निरेन कुमार सचदेवा” आज 26 जनवरी है , Republic day , गणतंत्र दिवस की आप सब को हार्दिक शुभ कामनाएँ, इस… Posted by Rajni Prabha February 3, 2024
Posted inArticles जहाँ अपनों की याद ना आए-“निरेन कुमार सचदेवा” जहाँ अपनों की याद ना आए , वो तन्हाई किस काम की ?जो बिगड़े रिश्ते ना बना दे… Posted by Rajni Prabha February 3, 2024
Posted inArticles मुझे जोकर बनना है-“निरेन कुमार सचदेवा” मुझे ना हुक्म का इक्का बनना है , ना रानी का बादशाह , हम जोकर ही अच्छे हैं… Posted by Rajni Prabha February 3, 2024
Posted inArticles अन्तरराष्ट्रीय साहित्य गौरव सम्मान से अहमदाबाद में सम्मानित-“डॉ गुलाब चंद पटेल” धरा से गगन तक - 2 के विमोचन कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएइस कार्यक्रम… Posted by Rajni Prabha February 3, 2024
Posted inghazal poetry खूँटी टाँग आँख का पानी-“डाॅ०अनिल गहलौत” खूँटी टाँग आँख का पानी, कुर्सी गए विराज।ओढ़ी चादर, 'तुंबनखाँ' ने, तजी लोक की लाज।। लेकर सबको आगे-आगे,… Posted by Rajni Prabha February 3, 2024
Posted inpoetry हेलो, मैं तिरंगा -“आलोक सिंह” हेलो, मैं तिरंगा ,एक प्रश्न पूछना था !तुम्हें कौन सा रंग पसंद है ? जी तुम्हें कौन सा… Posted by Rajni Prabha February 3, 2024
Posted inghazal poetry चाँद को छूने चले पर(सजल)-“डाॅ०अनिल गहलौत” चाँद को छूने चले पर, है अभागा हाथ काला।अब कहो कैसे कहाँ से, तोड़कर लाएँ उजाला।। बोल तो… Posted by Rajni Prabha February 3, 2024
Posted inpoetry shayari काँटों पर चलकर आई हैं (सजल)-“डाॅ०अनिल गहलौत” काँटों पर चलकर आई हैं, फूलों-सी जो थीं कल आँखें।हुईं खुरदरी खादी-सी अब, थीं जो अब तक मलमल… Posted by Rajni Prabha February 3, 2024
Posted inpoetry shayari चाल अभिनव (सजल)-“डाॅ०अनिल गहलौत” चाल अभिनव, ढाल अभिनव, आपका है हाल अभिनव।रंग गिरगिट का चढ़ा है, दिव्य मोटी खाल अभिनव। आप गंगादास… Posted by Rajni Prabha February 3, 2024