मै नारी-“चंद्रकला भरतिया”

मैं नारी।जन्मदात्री सकल मानव जन की।कोमल हृदय ममतामयी,बच्चों का लालन-पालन करती।सुसंस्कारों से उन्हें सजाती।शिक्षा दे सुजान बनाती।। ब्रह्मा…

कुसूर-“तमन्ना”

क्या कसूर है, हमाराक्यो इस समाज ने हमें ,अब तक ना है अपनायाक्यों है, हम अपनों से भी…