Posted inshayari मानव जीवन को सकारात्मक ऊर्जा का दिवस चैती छठ __”सत्येन्द्र कुमार पाठक” मानव जीवन को सकारात्मक ऊर्जा का दिवस चैती छठसत्येन्द्र कुमार पाठकसनातन धर्म के ऋग्वेद , आयुर्वेद , यजुर्वेद… Posted by Rajni Prabha April 16, 2024
Posted inghazal poetry shayari शीर्षक – हे जगत जननी , मात दुर्गे_ शीर्षक - हे जगत जननी , मात दुर्गे हे जगत जननी , मात दुर्गे ,निशदिन तुम्हें निहारूँ मां… Posted by Rajni Prabha April 16, 2024
Posted inEvents Short Story मानवीय जीवन का विकास है संस्कार___”सत्येन्द्र कुमार पाठक” सनातन धर्म के विभिन्न ग्रंथों में मानवीय जीवन के चतुर्दिक विकास का माध्यम षोडश संस्कार का उल्लेख किया… Posted by Rajni Prabha April 16, 2024
Posted inArticles Events shayari जान चेतना का आईना है लघु कथा__ “सत्येन्द्र कुमार पाठक” जान चेतना का आईना है लघु कथासत्येन्द्र कुमार पाठकमानवीय चेतना का प्रारंभिक चरण में गद्य कथा का हिस्सा… Posted by Rajni Prabha April 16, 2024
Posted inghazal shayari आप क्या सोचते हो ,कौन ज़्यादा अच्छी शायरी लिखता है “कवि——-निरेन कुमार सचदेवा।” शीर्षक———एक अच्छा शायर कौन है??? आप क्या सोचते हो ,कौन ज़्यादा अच्छी शायरी लिखता है , एक टूटा… Posted by Rajni Prabha April 13, 2024
Posted inArticles Events Short Story ज़िन्दगी का भरपूर मज़ा कीजिए— “कवि——-निरेन कुमार सचदेव।” शीर्षक——-ज़िन्दगी का भरपूर मज़ा कीजिए———- जो कट गयी वो तो उम्र थी , जिसे जी लिया उसे ज़िंदगी… Posted by Rajni Prabha April 13, 2024
Posted inEvents poetry Press Note ये भ्रष्ट कितने धृष्ट हैं, कानून का डर पी गए!__ “डॉ० अनिल गहलौत” ये भ्रष्ट कितने धृष्ट हैं, कानून का डर पी गए!कितने बड़े चिकने घड़े, पूरा समुंदर पी गए!! मोटी… Posted by Rajni Prabha April 13, 2024
Posted inArticles Short Story जान चेतना का आईना है लघु___ “कथासत्येन्द्र कुमार पाठक” मानवीय चेतना का प्रारंभिक चरण में गद्य कथा का हिस्सा लघुकथा है । लघु कथाएं एकल प्रभाव या… Posted by Rajni Prabha April 13, 2024
Posted inghazal shayari ये आँसू मेरे दिल की ज़ुबान हैं कवि——-“निरेन कुमार सचदेवा।” ——ये आँसू मेरे दिल की ज़ुबान हैं——— जब लबों पर जगह नहीं मिलती , लफ़्ज़ आँखों में रहने… Posted by Rajni Prabha April 13, 2024
Posted inArticles Events ghazal चाहती गर्दिश हमेशा अहमियत उसको मिले। ” एच. एस. चाहिल। बिलासपुर।” चाहती गर्दिश हमेशा अहमियत उसको मिले।हम न देते अहमियत तो ये नहीं हमको मिले। क्यों सुनाएं गर्दिशों की… Posted by Rajni Prabha April 12, 2024