Posted inshayari हिंदू नववर्ष– “रजनी प्रभा” महुआं ने अंगराई ली, चहुं ओर बासंती बयारआम्र देख बौराए मन,किया धरती ने धानी श्रृंगार। सीमर की शोभा… Posted by Rajni Prabha April 9, 2024
Posted inArticles shayari चैत्र शुक्ल प्रतिपदा भारतीय हिंदी नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा भारतीय हिंदी नववर्ष स्वरचित कृति: शरीफ़ खान, भारत धरा बसंती बयार युक्त होकर,पूरा देश एक सूत्र है इस रोज़।अवनि और अंबर हर्षित होकर, बह रही… Posted by Rajni Prabha April 9, 2024
Posted inArticles Events ghazal सूरज देख लिया हो जिसने, उसे न सोहें चाँद-सितारे। —- डाॅ०अनिल गहलौत सूरज देख लिया हो जिसने, उसे न सोहें चाँद-सितारे।राम-रसायन के आगे हैं, फीके अन्य रसायन सारे।। छोड़-छाड़ सब… Posted by Rajni Prabha April 8, 2024
Posted inArticles Events poetry मूढ़ मनुज को दिखी प्रकृति अनमनी नहीं। मूढ़ मनुज को दिखी प्रकृति अनमनी नहीं।उसको दिखतीं इसकी भौंहें तनी नहीं। एक अँधेरा पहने खड़ी निशा बोझिल।बुझा-बुझा… Posted by Rajni Prabha April 8, 2024
Posted inEvents ghazal poetry मैं कलाकार हूं मैं,कलाकार हूंखुद का हूं आइना,खुद से हूं रूबरूखुद के ही रंग भरूंमैं तो साकार हूंमैं कलाकार हूं खेलता… Posted by Rajni Prabha April 8, 2024
Posted inshayari सूरज देख लिया हो जिसने, उसे न सोहें चाँद-सितारे। सूरज देख लिया हो जिसने, उसे न सोहें चाँद-सितारे।राम-रसायन के आगे हैं, फीके अन्य रसायन सारे।। छोड़-छाड़ सब… Posted by Rajni Prabha April 8, 2024
Posted inArticles ghazal poetry आसान क्या है ,मुश्किल क्या है ? आसान क्या है ,मुश्किल क्या है ? प्रेम या नफ़रत?सच या झूठ?ईमानदारी या बेईमानी? कई किरदार एक चेहरे… Posted by Rajni Prabha April 8, 2024