आज़ादी का जश्न

आज़ादी का जश्न

आज़ादी का जश्न मनाते
सत्ता ,शासन और चाटूकार
चार घराने की  चांदी है बस
बाकी जगह है हाहाकार
जवान, किसान, महिला सहते
‘अमृतकाल ‘में अत्याचार
दो करोड़ रोज़गार का वादा
सड़क पर लाठी खाते युवा लाचार
नौ साल से सत्ता में हैं
गलतियों के लिए नेहरू जिम्मेदार
जलवा जारी है सिलिंडर महारानी की
और तेवर रुतबा भी बरकरार
संसद में साहेब का भाषण
लगता कर रहे चुनाव प्रचार
दाग़ी भी बेदाग़ आज हैं
पाला बदलने का है चमत्कार
भ्रष्टाचारी भी मंत्री बनते
यूँ होता है भ्रष्टाचार पर वार
बाँट जोहता मेवात-मणिपुर
जबकि ‘अच्छे दिन’ की है सरकार
भाई है भाई की दुश्मन
ऐसी है नफ़रत की दीवार
जाति -धर्म के नाम पर हिंसा
जिनका मकसद था दोस्ती-प्यार
अर्थव्यवस्था आसमान में
दावा कर रही सरकार
जनता टमाटर भी खरीद न सके
ऐसी है महँगाई की मार
….@आनंद वर्द्धन रिसर्च स्कॉलर

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