मेरे दिल की नजर से देखो बहुत खूबसूरत हो तुम,
सच में सुंदरता की देवी, सादगी की मूरत हो तुम।
सुनो तुम्हारी अदाओं पर ग़ज़ल कहना चाहता हूँ,
हर पल तुम्हारी निगाहों के सामने रहना चाहता हूँ।
अंग अंग साँचे में ढ़ला हुआ तीखे नैन नक्श तुम्हारे,
जो भी देखे तुम्हें, भूल खुदा को नाम तुम्हारा पुकारे।
भूरी भूरी आँखें तुम्हारी एक जादू सा कर जाती हैं,
प्रेम रस से भरी ये मीठी बातें दिल में उतर जाती हैं।
परियों सा जलवा है , अप्सराओं से नाज ओ नखरे,
मुस्कुरा दो तुम शबनमी फिजाओं में मोहब्बत बिखरे।
गुलाब की पखुंडियों से लाल अधरों का क्या कहना,
कयामत ढ़ाता गुलाबी गालों पर काले तिल का रहना।
हवा में लहराती तुम्हारी काली जुल्फें दिल को लुभाती,
होश उड़ा देती हो तुम जब चलती हो कमर लचकाती।
गोरा रंग, मखमली बदन, लम्बी देह मन को मोह लेती,
हर अदा नजाकत काम की देवी रत्ती को टक्कर देती।
आलम देखो अल्फाज नहीं मिलते सुंदरता दर्शाने को,
एक तुम्हारी ही जरूरत है मन आँगन को महकाने को।
बस अब तो मेरे ख्वाबों ख्यालों में तेरा ही चेहरा रहता है,
आते जाते हर कोई विकास को तेरा ही दीवाना कहता है।
©® डॉ विकास शर्मा