चित्र आधारित ग़ज़ल
बहर
काफिया अर
जिगर , शजर , ख़बर, डगर
कसर ,l बशर
रदीफ़ क्यों है
आज पत्थर बना जिगर क्यों है ?
तू गिराया मिरा शज़र क्यों है ??
आशियाना बिना यहाँ हैं हम ।
यह दबी सी भला ख़बर क्यों है??
अब रहें तो कहाँ पता तो हो ।
आफतों में अभी डगर क्यों है ??
भूख जो हैं लगी बहन को अब ।
राब ही पास यह कसर क्यों है ??
अब खुले में गुजर बशर है ‘मनु’
आसमां के निचे बशर क्यों है ?
महेंद्र जैन मनु
इन्दौर