“विश्वास” और “आस”
कभी गलत नहीं होते हैं..
लेकिन...
यह उस पर निर्धारित होते हैं..
हमने विश्वास किस पर किया,
और आशा किस पर जताई!!
“विश्वासघात “और “धोखा “जीवन के दो ऐसे पहलू हैं,जिनसे हर कदम सामना करना पड़ता है..इसे हमें विवेक और बुद्धि से भी परखना पड़ता है!..जीवन में फूंक फूंक कर कदम रखना पड़ता है!!
हरजीत..........